About Us

स्वामीत्व - श्रीमती शारदा गौरहा द्वारा धर्मभूषण पं श्रीधर गौरहा, श्रीः विहार (राधिका एवं सूर्या विहार के मध्य), सीपत रोड, बिलासपुर, छत्तीसगढ़, भारत पिन- 495006 दूरभाष: +91-9424261917

श्रीविद्या साधना दुर्लभतम्, गोप्यातिगोप्य, अत्यन्त विस्तृत, विशिष्ट एवं गुरुमुखगम्य मानी जाती है। सृष्टि के आरम्भ से ही इस विद्या में कई देवों एवं ऋषिमुनियों ने आद्यशक्ति भगवती त्रिपुरसुन्दरी की कृपा प्राप्त करते हुये विविध लोककल्याण के कार्य किये हैं। श्रीयन्त्र का निर्माण मानव निर्मित नहीं है। श्रीयन्त्र की मान्यता विविध प्राचीन ग्रन्थों में एक स्वनिर्मित यन्त्र के रूप में एवं आद्यशक्ति के स्वरूप में है। करुणामयी पराम्बा की आराधना कर उनकी कृपा प्राप्त करते हुए लोकमंगल, राष्ट्रमंगल एवं विश्वमंगल की महती आवश्यकता की पूर्ति हो, ऐसी कामना है।

श्रीविद्याइंडिया डाट काॅम वेवसाईट का स्वामीत्व श्रीविद्यासाधिका श्रीमती शारदा गौरहा के पास हैं जो कि हिमालय के कायाकल्पीसन्त श्रीमहन्त योगीराज बर्फानी दादाजी महाराज की शिष्या हैं और विगत कई वर्षों से गुरु सानिध्य एवं प्रेरणा से श्रीविद्यासाधना में रत हैं। श्रीमती शारदा एक गृहिणी के दायित्त्व का सफलतापूर्वक निर्वहन करते हुये श्रीमाता कीे आराधना में तत्पर रहती हैं। बाल्यकाल मे श्रीमती शारदा ने धर्मसम्राट करपात्रीजी महाराज के कृपापात्र स्वामी लक्ष्मण चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज, धर्मसंघ शिक्षामण्डल, दुर्गाकुण्ड वाराणसी से अध्यात्म दीक्षा ग्रहण किया था और निरन्तर प्रभुभक्ति में अपने को रमाये रखा।

श्रीमती शारदा के पति पं. श्रीधर गौरहा केन्द्रसरकार के उपक्रम कोल इंडिया लिमिटेड में एक अधिकारी पद पर कार्यरत हैं जिनकी रूचि सदा से अध्यात्म के प्रति रही है। पं. गौरहा एक श्रेष्ठ श्रीविद्यासाधक हैं एवं योगीराज बर्फानी दादाजी महाराज के विशेष कृपापात्र शिष्य हैं। श्रीगुरु प्रेरणा एवं आशीष से इन्होंने नर्मदा उद्गम स्थल पवित्रधाम अमरकण्टक में वर्षों श्रीविद्या की साधना सम्पन्न किया है। इनकी तीन कृतियाॅं प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें श्रीविद्यारहस्यम्, श्रीपीताम्बरातन्त्रम् एवं तस्मै श्रीगुरवे नमः है। श्रीविद्या के प्रति की जा रही सेवाओं के कारण पं. श्रीधर गौरहा को द्वारकाशारदापीठ एवं ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वतीजी महाराज ने द्वारका में धर्मभूषण पदवी से सम्मानित किया है तथा श्रीचक्रमहामेरूपीठ, बिलासपुर ने धर्मकैंकर्य शिरोमणी से सम्मानित किया है। ये राष्ट्रभाषा कोविद् एंव ज्योतिषी भी हैं। अपनी व्यस्त सेवाओं का सफलतापूर्वक निर्वहन करते हुये भी श्रीमाता की साधना-उपासना हेतु समय निकालतेे हैं।

श्रीविद्या के प्रचार-प्रसार के साथ श्रद्धालुओं को श्रेष्ठ श्रीयन्त्र प्रदान करने की दिशा में श्रीमती शारदा ने इस वेवसाईट के माध्यम से आप तक पहुचनें का स्तुत्य प्रयास किया है। युगलजोडी श्रद्धालुओं द्वारा लिये गये श्रीयन्त्र की प्राणप्रतिष्ठा एवं अनुष्ठान हवन स्वयं सम्पन्न करते हैं एंव पूजन प्रक्रिया में श्रद्धालुओं एवं जिज्ञासुओं को भी सम्मिलित कराते हुए यथोचित मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। श्रीविद्या एवं श्रीयन्त्र की महिमा इस वेवसाईट में दी गयी है जिसे जिज्ञासुगण अध्ययन कर सकतें हैं। समय समय पर श्रीविद्या पर आधारित यह वेवसाईट अपडेट होता रहेगा । अपने अपने कर्म, विचार, संस्कारवश अध्यात्म में सबके अनुभव पृथक पृथक हो सकते हैं पर मूलतः माता की कृपा पाना ही ध्येय बना रहता है। अतः साधना के गूढ़ अनुभव एवं विभिन्न रहस्यात्मक बातों का उल्लेख यहाॅं नहीं किया जा सकेगा । श्रीविद्या मार्गदर्शन हेतु प्रत्यक्ष अथवा दूरभाष से सम्पर्क किया जा सकता है। करुणामयी माता के श्रीचरणों में सभी के प्रति मंगलकामनायें सादर अर्पित हैं।

अपने अपने कर्म, विचार, संस्कारवश अध्यात्म में सबके अनुभव पृथक पृथक हो सकते हैं पर मूलतः माता की कृपा पाना ही ध्येय बना रहता है। अतः साधना के गूढ़ अनुभव एवं विभिन्न रहस्यात्मक बातों का उल्लेख यहाॅं नहीं किया जा सकेगा । श्रीविद्या मार्गदर्शन हेतु प्रत्यक्ष अथवा दूरभाष से सम्पर्क किया जा सकता है। करुणामयी माता के श्रीचरणों में सभी के प्रति मंगलकामनायें सादर अर्पित हैं।

प्रस्तुति - श्री जयदीप खरे कैवल्य स्किल्स एंड टेक्नोलॉजी बिलासपुर (छ.ग)

स्वामीत्व - श्रीमती शारदा गौरहा द्वारा धर्मभूषण पं श्रीधर गौरहा, श्रीः विहार (राधिका एवं सूर्या विहार के मध्य), सीपत रोड, बिलासपुर, छत्तीसगढ़, भारत पिन- 495006 दूरभाष: +91-9424261917

श्रीविद्या रहस्यम्

तस्मै श्रीगुरुवे नमः

श्रीपीतांबरातन्त्रम